मृत्युगीत- जब मृत्यु की डोली आएगी.... जब मृत्यु की डोली आएगी, व्याकुल साँसें, थम जाएगी। फिर सुंदर सा उत्सव होगा, जब मृत्यु ब्याह ले जाएगी। बंद 1– मृत्यु के बाद विदाई की तैयारी..... श्वेत वसन तन को ढँक देगा, फूलों से श्रृंगार सजेगा। मन ना होगा शोक में डूबा, मौन समर्पण हर्ष रचेगा। शब्द धरे रह जाएंगे, नयनों से भाषा बह जाएगी। जब मृत्यु की डोली आएगी, व्याकुल साँसें, थम जाएगी। बंद 2– सबका प्रेम का कैसे ...... जो कह न सका कोई जीवन में, वो निःशब्द उजागर होगा। छुपा हुआ जो प्रेम हृदय में, वो मुखरित आकर होगा। हर भावना चुप राह चलेगी, हर विरह मधुरता लाएगी। जब मृत्यु की डोली आएगी, व्याकुल साँसें, थम जाएगी। बंद 3– रिश्तों का अंतिम आलिंगन... चार कांधे तन को ले जाएँ, मन पीछे-पीछे खोते ...