जन्मदिन पर बधाई
धर्म कह रहा बोल-बोल कर,
प्राण मिला है कुछ करने को
इस जन्म को सफल बनाओ
दे दे प्रेम सब जन नर को
बढ़ रहा दिन जन्म तेरा
भ्रम, सुनो, चेत, अनुभव करो
दिन कछु काल खाता जा रहा
यह प्रेषित नहीं अंतिम बधाई
जन्मदिन फिर आ रहा।।
रचना - दयानन्द_त्रिपाठी
व्याकुल
जन्मदिन पर अनन्य शुभकामनाएं और ढेर सारी अशेष बधाई।💐💐💐💐💐🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें