सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कलयुग_की_यह_सच्चाई_है...रचना प्रस्तुत है आशा है आप सबका प्यार मिलेगा

कलयुग_की_यह_सच्चाई_है...रचना प्रस्तुत है आशा है आप सबका प्यार मिलेगा 
    🙏🙏🙏🌹🌹🌹💐💐🙏

बीत    रहे    दिन    पर    दिन 
सड़कों   को   पसीना  आई  है
ट्राली -  बैग  पर   बच्चा   सोए
कलयुग   की   यह  सच्चाई  है।

खुला  आकाश  सर पर   मकां
सड़कों  की  आँखे भर  आई है
हो   रह है   वज्रपात  यह  कैसा
नव  जीवन   की  बेला  आई है।

सूनसान     पसरे     सन्नाटे    में 
सड़कों    पर     रेला   आई    है
घोर    कष्ट  है   हृदय    तल   में
मानव  का  बौनारुप  दिखाई है।

कराह  रही सुख  के कष्टों  से माँ
बच्चा जनी  सड़कों की गहराई है
आपदाएं  खुशी  के   सोहर  गाएं
सुविधाओं  की  झड़ी  लगाई  है।

सोच    रहा    है     तेरा    मानव 
कैसी    तेरी    ये     रूसवाई   है
आरोपों    के      तीर     धड़ाधड़
घिनौने    खेलों   की   परछांईं  है।

सड़कों    ने     गाँवों    को    छोड़ा
ले  तेरा लाल,  बाप,  सिंदूर  लाई है
व्याकुल देख सड़कों की छाती लाल
फटेचिटे  कपड़ों में  नीरभर आई है।
रचना_दयानन्द_त्रिपाठी_व्याकुल
      महराजगंज, उत्तर प्रदेश।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान महराजगंज टाइम्स ब्यूरो: महराजगंज जनपद में तैनात बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व साहित्यकार दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना के चलते मिली है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी ने कोरोना पर अपनी रचना को ऑनलाइन काव्य प्रतियोगिता में भेजा था। निर्णायक मंडल ने शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल के काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना को टॉप 11 में जगह दिया। उनकी रचना को ऑनलाइन पत्रियोगिता में  सातवां स्थान मिला है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी को मिले इस सम्मान की बदौलत साहित्य की दुनिया में महराजगंज जनपद के साथ बेसिक शिक्षा परिषद भी गौरवान्वित हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बैजनाथ सिंह, अखिलेश पाठक, केशवमणि त्रिपाठी, सत्येन्द्र कुमार मिश्र, राघवेंद्र पाण्डेय, मनौवर अंसारी, धनप्रकाश त्रिपाठी, विजय प्रकाश दूबे, गिरिजेश पाण्डेय, चन्द्रभान प्रसाद, हरिश्चंद्र चौधरी, राकेश दूबे आदि ने साहित्यकार शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को बधाई दिय...

डॉ. राम कुमार झा निकुंज

💐🙏🌞 सुप्रभातम्🌞🙏💐 दिनांकः ३०-१२-२०२१ दिवस: गुरुवार विधाः दोहा विषय: कल्याण शीताकुल कम्पित वदन,नमन ईश करबद्ध।  मातु पिता गुरु चरण में,भक्ति प्रीति आबद्ध।।  नया सबेरा शुभ किरण,नव विकास संकेत।  हर्षित मन चहुँ प्रगति से,नवजीवन अनिकेत॥  हरित भरित खुशियाँ मुदित,खिले शान्ति मुस्कान।  देशभक्ति स्नेहिल हृदय,राष्ट्र गान सम्मान।।  खिले चमन माँ भारती,महके सुरभि विकास।  धनी दीन के भेद बिन,मीत प्रीत विश्वास॥  सबका हो कल्याण जग,हो सबका सम्मान।  पौरुष हो परमार्थ में, मिले ईश वरदान॥  कविः डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" रचना: मौलिक (स्वरचित)  नई दिल्ली

डा. नीलम

*गुलाब* देकर गुल- ए -गुलाब आलि अलि छल कर गया, करके रसपान गुलाबी पंखुरियों का, धड़कनें चुरा गया। पूछता है जमाना आलि नजरों को क्यों छुपा लिया कैसे कहूँ , कि अलि पलकों में बसकर, आँखों का करार चुरा ले गया। होती चाँद रातें नींद बेशुमार थी, रखकर ख्वाब नशीला, आँखों में निगाहों का नशा ले गया, आलि अली नींदों को करवटों की सजा दे गया। देकर गुल-ए-गुलाब......       डा. नीलम