विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर छोटी सी कविता "जीवन है मुक्ति का धाम, जप रघुपति राघव राजा राम।" - दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल की क्लिक कर पूरा पढ़े।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर छोटी सी कविता "जीवन है मुक्ति का धाम, जप रघुपति राघव राजा राम।" - दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल की क्लिक कर पूरा पढ़े।
जीवन है मुक्ति का धाम,
जप रघुपति राघव राजा राम।
नशा करे जो आह भरे,
लग जाये जीवन पे विराम
प्रेम पिलाया जो पिये
नशा करे हर सुबहे शाम।
कश लेने पे लगाओ विराम,
जप रघुपति राघव राजा राम।
क्यों करते हो नशा डटकर,
लिये हाथ में लिये साथ।
संकट जब बढ़ जायेगा
कैसे दोगे अपनों का साथ।
जीवन है मुक्ति का धाम,
जप रघुपति राघव राजा राम।
परिवारों पर दो तुम ध्यान,
रटते रहो राम का नाम।
लेते रहोगे जब कश पर कश
नहीं मिलेगा कहीं यश काम।
नहीं करोगे ढंग से काम,
बदहाली धायेगी हर सुबहे शाम।
जीवन है अनमोल तुम्हारा
बनो किसी का तुम सहारा
छोड़ो अपनी बुरी आदतें
नशा न हो अब तुमको प्यारा।
फ्री में हो जाओगे बदनाम,
नहींमिलेगा फिर यश का ईनाम।
जप रघुपति राघव राजा राम,
पतित पावन सीताराम।
रचना-दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल
महराजगंज, उत्तर प्रदेश ।
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