सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

काव्य रंगोली हिन्दी साहित्यिक पत्रिका समबद्ध श्याम सौभाग्य फाउंडेशन के श्याम सौभाग्य जन्मोत्सव पर रचना प्रस्तुत किया था देखें जिस पर अभी-अभी मिला सहभागिता सम्मान-पत्र क्लिक कर रचना देखें ।

काव्य रंगोली हिन्दी साहित्यिक पत्रिका समबद्ध श्याम सौभाग्य फाउंडेशन के श्याम सौभाग्य जन्मोत्सव पर रचना प्रस्तुत किया था देखें जिस पर अभी-अभी मिला सहभागिता सम्मान-पत्र क्लिक कर देखें ।
   
      रचना नीचे प्रदर्शित है देखें

श्याम सौभाग्य की लूट है लूट सके तो लूट,
मन में निराशा हो श्याम नाम की पीलो घूंट पे घूंट।

श्याम सौभाग्य फाउंडेशन पर भई कवियों की भीर,
जन्मदिन को सुफल होवें आशिवार्द देवें एक से बढ़कर एक कवि गंभीर।

धन की गति बस तीन हैं दान, भोग और नाश,
श्याम सौभाग्य जी प्रगति करें ये है मेरा  आशीष।

मन के हारे हार है मन के जीते जीत,
श्याम रटत ही प्रभु मिलें कर लीजै परतीत।

ज्यों तिल माही तेल है ज्यों चकमक में आग,
वैसे हैं श्याम सौभाग्य संस्था मिले हैं बड़ि भाग।

दु:ख में सुमिरन सब करै, सुख में करै न कोय,
जो सुख में श्याम नाम रटौ तो दु:ख कांहे को होय ।

 👇 नीचे दूसरी रचना👇

धर्म  कह  रहा  बोल-बोल  कर,
प्राण  मिला है  कुछ  करने  को
इस  जन्म को  सफल   बनाओ
दे  दे  प्रेम  सब  जन   नर   को
बढ़  रहा  दिन जन्म श्याम सौभाग्य का
कर दे सब कुछ  समर्पित  प्रभु धाम को
भ्रम,सुन,चेत, राम का वन्दन कर
दिन  कछु  काल  खाता जा रहा
यह  प्रेषित  नहीं  अंतिम  बधाई
आपका जन्मोत्सव फिर आ रहा।

रचना दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल
      महराजगंज, उत्तरप्रदेश।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान हरियाणा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में "हरिवंश राय बच्चन सम्मान- 2020" से शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी (कवि दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल ) को मिलि उत्कृष्ट सम्मान

राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान हरियाणा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में "हरिवंश राय बच्चन सम्मान- 2020" से शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी (कवि दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल ) को मिलि उत्कृष्ट सम्मान राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान हरियाणा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में "हरिवंश राय बच्चन सम्मान- 2020" से शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी (कवि दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल ) को उत्कृष्ट कविता लेखन एवं आनलाइन वीडियो के माध्यम से कविता वाचन करने पर राष्ट्रीय मंच द्वारा सम्मानित किया गया। यह मेरे लिए गौरव का विषय है।

डा. नीलम

*गुलाब* देकर गुल- ए -गुलाब आलि अलि छल कर गया, करके रसपान गुलाबी पंखुरियों का, धड़कनें चुरा गया। पूछता है जमाना आलि नजरों को क्यों छुपा लिया कैसे कहूँ , कि अलि पलकों में बसकर, आँखों का करार चुरा ले गया। होती चाँद रातें नींद बेशुमार थी, रखकर ख्वाब नशीला, आँखों में निगाहों का नशा ले गया, आलि अली नींदों को करवटों की सजा दे गया। देकर गुल-ए-गुलाब......       डा. नीलम

रमाकांत त्रिपाठी रमन

जय माँ भारती 🙏जय साहित्य के सारथी 👏👏 💐तुम सारथी मेरे बनो 💐 सूर्य ! तेरे आगमन की ,सूचना तो है। हार जाएगा तिमिर ,सम्भावना तो है। रण भूमि सा जीवन हुआ है और घायल मन, चक्र व्यूह किसने रचाया,जानना तो है। सैन्य बल के साथ सारे शत्रु आकर मिल रहे हैं, शौर्य साहस साथ मेरे, जीतना तो है। बैरियों के दूत आकर ,भेद मन का ले रहे हैं, कोई हृदय छूने न पाए, रोकना तो है। हैं चपल घोड़े सजग मेरे मनोरथ के रमन, तुम सारथी मेरे बनो,कामना तो है। रमाकांत त्रिपाठी रमन कानपुर उत्तर प्रदेश मो.9450346879