सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अतंरराष्ट्रीय योग दिवस पर अंतरराष्ट्रीय योग प्रशिक्षिका कृष्णादेवी पाण्डेय जी नेपाल द्वारा काव्यरंगोली फेसबुक समूह पर आनलाइन योग प्रशिक्षण दिनांक 21 जून 2020 दिन रविवार प्रात: 6:30 से लाइव देखें।

अतंरराष्ट्रीय योग दिवस पर अंतरराष्ट्रीय योग प्रशिक्षिका कृष्णादेवी पाण्डेय जी नेपाल द्वारा काव्यरंगोली फेसबुक समूह पर आनलाइन योग प्रशिक्षण दिनांक 21 जून 2020 दिन रविवार प्रात: 6:30 से लाइव देखें।


योग, भारत में योग का इतिहास बहुत पुराना है। शास्‍त्रों में भी योग का भरपूर जिक्र मिलता है। ऋग्‍वेद में भी योग की संपूर्ण व्‍याख्‍या की गई है।

 
27 सितंबर 2014 में संयुक्‍‍त राष्‍ट्र महासभा के भाषण में माननीय मुख्‍यमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी ने अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की अपील की। इसके उपरांत अमेरिका ने 123 सदस्‍यों की बैठक में अंतर्राराष्‍ट्रीय योग दिवस का प्रस्‍ताव पास कर दिया। अमेरिका द्वारा अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की अपील करने के बाद, 90 दिनों के अंदर 177 देशों ने अंतर्राराष्‍ट्रीय योग दिवस का प्रस्‍ताव पारित कर दिया। 21 जून 2015 को पूरे विश्‍व में पहली बार अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस मनाया गया। 
 
योग का उद्भव भारत से ही माना जाता है। भारत में योग का इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना बताया गया है। भार‍त में स्‍वामी विवेकानंद ने योग की शुरुआत बहुत पहले कर दी थी। स्‍वामी जी ने अपने शिकागो सम्‍मेलन के भाषण में योग का संदेश संपूर्ण विश्‍व को दिया था। योग पर आधारित पुस्‍तकों का संग्रह आज भी भारत के राष्‍ट्रीय संग्राहलयों में मिलता है। योग भारत के पास प्रकृति की एक अमूल्‍य वस्‍तु है।
  
योग का महत्व और फायदे...अगले  पेज पर.....


योग का महत्‍व - 
आज के समय में सभी के जीवन में योग का बहुत अधिक महत्‍व है। वर्तमान में बढ़ती बीमारियों से निपटने के लिए योग बहुत जरुरी है। जिस प्रकार डाईबिटीज के मरीज के लिए दवा जरुरी है, ठीक उसी प्रकार जीवन में योग बहुत आवश्‍यक है।

प्रात: काल का समय, योग करने का सही समय माना जाता है। सुबह के समय योग करने से व्‍यक्‍ति के मस्‍तिष्‍क की सभी इंद्रियां भलीभंति गतिमान होती हैं, जिससे व्‍यक्‍ति का मन एकाग्र होकर कार्य करता है। योग एक ऐसी साधना है, जिसका जीवन में होना बहुत जरुरी है। योग एक ऐसी दवा है, जो बगैर खर्च के रोगियों का इलाज करने में सक्षम है। वहीं यह शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है, यही कारण हैं कि युवाओं द्वारा बड़े पैमाने पर जिम और एरो‍बि‍क्‍स को छोड़कर योग अपनाया जा रहा है।

योग के फायदे -  1. मानसिक तनाव से छुटकारा- 
सुबह के समय योग करने का सबसे ज्‍यादा असर व्‍यक्‍ति की मानसिक स्‍थिति पर होता है। प्रात: योग करने से दिन भर के मानसिक तनाव से छुटकारा मिल जाता है एवं सभी कार्य आसानी एवं सरलता से हो जाते हैं।
2. वजन कम करने में सहायक - 
 योग वजन घटाने में अत्यधिक सहायक है। सूर्य नमस्‍कार, योग का ऐसा अंग है जो वजन कम करने में अत्यंत सहायक है। प्रतिदिन सूर्य नमस्‍कार करने से व्‍यक्‍ति का 10 ग्राम तक वजन कम होता है। 
3. डाईबि‍टीज रोगियों के लिए जरुरी - 
कहा जाता है कि डाईबि‍टीज एक ऐसी बीमारी है जो कभी ठीक नहीं होती। लेकिन ऐसा नहीं है, योग और प्राणायाम से इस बीमारी का इलाज भी संभव है। योग के नि‍यमित अभ्यास से डाईबि‍टीज जैसी बीमारी से राहत पाई जा सकती है।

4. मन प्रसन्‍न- 
प्रतिदिन सुबह के समय योग करने से मन दिन भर प्रसन्‍न रहता है, साथ ही मानसिक शांति भी मिलती है। मानसिक रोगों को दूर कर प्रसन्न रहने के लिए यह एक बेहतरीन उपाय है।   
5. आत्‍मविश्‍वास में बढ़ोत्‍तरी -
  योग से मस्‍तिष्‍क सक्रिय होता है और शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है, जिससे व्‍यक्‍ति का मन किसी भी कार्य में व्यवस्थित रूप से लगा रहता है एवं उसके सभी काम समय पर होने से उसका आत्‍मविश्वास भी बढ़ता है। 

योग की सावधानियां - 
1. योग सुबह या शाम के समय करना ज्‍यादा बेहतर होगा। 
2. योग हमेशा खाली पेट करें।
3. योग अपने शरीर के हिसाब से करें। जो आसन आप कर सकते हैं वही आसन करें।
 योग का भविष्‍य -
भारत के लिए बहुत गर्व की बात है की संपूर्ण विश्‍व में अंतराष्‍ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जा रहा है। आज के समय में योग का उज्‍जवल भविष्‍य सामने है। वर्तमान में योग के प्रति लोगों की रुचि बढ़ती जा रही है, जिससे आने वाले समय में योग का स्तर और व्यापक होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। योग अब विदेशों में भी अपनाया जा चुका है जो यह दर्शाता है कि योग अब अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर विकसित हो चुका है। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान महराजगंज टाइम्स ब्यूरो: महराजगंज जनपद में तैनात बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व साहित्यकार दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना के चलते मिली है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी ने कोरोना पर अपनी रचना को ऑनलाइन काव्य प्रतियोगिता में भेजा था। निर्णायक मंडल ने शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल के काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना को टॉप 11 में जगह दिया। उनकी रचना को ऑनलाइन पत्रियोगिता में  सातवां स्थान मिला है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी को मिले इस सम्मान की बदौलत साहित्य की दुनिया में महराजगंज जनपद के साथ बेसिक शिक्षा परिषद भी गौरवान्वित हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बैजनाथ सिंह, अखिलेश पाठक, केशवमणि त्रिपाठी, सत्येन्द्र कुमार मिश्र, राघवेंद्र पाण्डेय, मनौवर अंसारी, धनप्रकाश त्रिपाठी, विजय प्रकाश दूबे, गिरिजेश पाण्डेय, चन्द्रभान प्रसाद, हरिश्चंद्र चौधरी, राकेश दूबे आदि ने साहित्यकार शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को बधाई दिय...

डा. नीलम

*गुलाब* देकर गुल- ए -गुलाब आलि अलि छल कर गया, करके रसपान गुलाबी पंखुरियों का, धड़कनें चुरा गया। पूछता है जमाना आलि नजरों को क्यों छुपा लिया कैसे कहूँ , कि अलि पलकों में बसकर, आँखों का करार चुरा ले गया। होती चाँद रातें नींद बेशुमार थी, रखकर ख्वाब नशीला, आँखों में निगाहों का नशा ले गया, आलि अली नींदों को करवटों की सजा दे गया। देकर गुल-ए-गुलाब......       डा. नीलम

डॉ. राम कुमार झा निकुंज

💐🙏🌞 सुप्रभातम्🌞🙏💐 दिनांकः ३०-१२-२०२१ दिवस: गुरुवार विधाः दोहा विषय: कल्याण शीताकुल कम्पित वदन,नमन ईश करबद्ध।  मातु पिता गुरु चरण में,भक्ति प्रीति आबद्ध।।  नया सबेरा शुभ किरण,नव विकास संकेत।  हर्षित मन चहुँ प्रगति से,नवजीवन अनिकेत॥  हरित भरित खुशियाँ मुदित,खिले शान्ति मुस्कान।  देशभक्ति स्नेहिल हृदय,राष्ट्र गान सम्मान।।  खिले चमन माँ भारती,महके सुरभि विकास।  धनी दीन के भेद बिन,मीत प्रीत विश्वास॥  सबका हो कल्याण जग,हो सबका सम्मान।  पौरुष हो परमार्थ में, मिले ईश वरदान॥  कविः डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" रचना: मौलिक (स्वरचित)  नई दिल्ली