सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव

महाकाल भोले शंकर ही कोरोना को मारेंगें

पाकर वरदान भस्मासुर ने,अपना आतंक मचाया।
भस्मासुर को शंकर जी ने, किया भस्म और मारा।

इस वैश्विक महामारी को भी,केवल वही तो टारेंगे।
महाकाल भोले शंकर ही,ये कोरोना को भी मारेंगे।

बहुतबड़ा ये काल बना है,जीवन सबका खतरे में।
नौकरी व्यापार दिहाड़ी,सब कुछ पड़ा है खतरे में।

रोजी रोटी के लाले पड़ गये,बंद होगये सब काम।
मजदूरों का तो बुरा हाल है,कहीं नहीं कोई काम।

शासन सरकारें सहयोग देरहीं,कोई न भूखा सोये।
मानवता के सभी पुजारी,कर रहे हैं सेवा जो होये।

कच्चा पक्का दोनों राशन,नित्य ही गरीबों में बाँटें।
मरे भूखसे न कोई नर सेवा है,दुःख नारायण छांटें।

किसान न होते धरती पर,तो कहाँ अन्न फिर पाते।
अन्नसब्जी को लोग तरसते,सोचो फिर क्या खाते।

कोरोना वारियर्स केही जैसे,इनका भी हो सम्मान।
भूखों सब मर जाते यदि,ना होते मेहनती किसान।

सब है कृपा प्रभू की भइया, रक्षक है कृपानिधान।
संकट की इस घड़ी सहायक, केवल एक किसान।

बहुत सब्र करलिया,सह लिया पूरा-2 लाकडाउन।
टारो अब प्रकोप इसका,मृत्युदर भी तो हो डाउन।

जैसे शिवतांडव करके प्रभु,हर अहंकारी को  मारे।
वैसेही कोविड19 को मारें,दिखे ना किसी के द्वारे।

ये महाकाल भोले शंकर ही,कोरोना को भी मारेंगे।
इस वैश्विक बीमारी को,केवल वह ही जगसे टारेंगे।



रचयिता :
डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव
सीनियर लेक्चरर-पी बी कालेज,प्रतापगढ़,यू.पी.
जिलाध्यक्ष
ह्यूमन सेफ लाइफ फाउंडेशन-प्रतापगढ़,उ.प्र.
संपर्क : 9415350596

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान महराजगंज टाइम्स ब्यूरो: महराजगंज जनपद में तैनात बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व साहित्यकार दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना के चलते मिली है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी ने कोरोना पर अपनी रचना को ऑनलाइन काव्य प्रतियोगिता में भेजा था। निर्णायक मंडल ने शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल के काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना को टॉप 11 में जगह दिया। उनकी रचना को ऑनलाइन पत्रियोगिता में  सातवां स्थान मिला है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी को मिले इस सम्मान की बदौलत साहित्य की दुनिया में महराजगंज जनपद के साथ बेसिक शिक्षा परिषद भी गौरवान्वित हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बैजनाथ सिंह, अखिलेश पाठक, केशवमणि त्रिपाठी, सत्येन्द्र कुमार मिश्र, राघवेंद्र पाण्डेय, मनौवर अंसारी, धनप्रकाश त्रिपाठी, विजय प्रकाश दूबे, गिरिजेश पाण्डेय, चन्द्रभान प्रसाद, हरिश्चंद्र चौधरी, राकेश दूबे आदि ने साहित्यकार शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को बधाई दिय...

डा. नीलम

*गुलाब* देकर गुल- ए -गुलाब आलि अलि छल कर गया, करके रसपान गुलाबी पंखुरियों का, धड़कनें चुरा गया। पूछता है जमाना आलि नजरों को क्यों छुपा लिया कैसे कहूँ , कि अलि पलकों में बसकर, आँखों का करार चुरा ले गया। होती चाँद रातें नींद बेशुमार थी, रखकर ख्वाब नशीला, आँखों में निगाहों का नशा ले गया, आलि अली नींदों को करवटों की सजा दे गया। देकर गुल-ए-गुलाब......       डा. नीलम

डॉ. राम कुमार झा निकुंज

💐🙏🌞 सुप्रभातम्🌞🙏💐 दिनांकः ३०-१२-२०२१ दिवस: गुरुवार विधाः दोहा विषय: कल्याण शीताकुल कम्पित वदन,नमन ईश करबद्ध।  मातु पिता गुरु चरण में,भक्ति प्रीति आबद्ध।।  नया सबेरा शुभ किरण,नव विकास संकेत।  हर्षित मन चहुँ प्रगति से,नवजीवन अनिकेत॥  हरित भरित खुशियाँ मुदित,खिले शान्ति मुस्कान।  देशभक्ति स्नेहिल हृदय,राष्ट्र गान सम्मान।।  खिले चमन माँ भारती,महके सुरभि विकास।  धनी दीन के भेद बिन,मीत प्रीत विश्वास॥  सबका हो कल्याण जग,हो सबका सम्मान।  पौरुष हो परमार्थ में, मिले ईश वरदान॥  कविः डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" रचना: मौलिक (स्वरचित)  नई दिल्ली