महाकाल भोले शंकर ही कोरोना को मारेंगें
पाकर वरदान भस्मासुर ने,अपना आतंक मचाया।
भस्मासुर को शंकर जी ने, किया भस्म और मारा।
इस वैश्विक महामारी को भी,केवल वही तो टारेंगे।
महाकाल भोले शंकर ही,ये कोरोना को भी मारेंगे।
बहुतबड़ा ये काल बना है,जीवन सबका खतरे में।
नौकरी व्यापार दिहाड़ी,सब कुछ पड़ा है खतरे में।
रोजी रोटी के लाले पड़ गये,बंद होगये सब काम।
मजदूरों का तो बुरा हाल है,कहीं नहीं कोई काम।
शासन सरकारें सहयोग देरहीं,कोई न भूखा सोये।
मानवता के सभी पुजारी,कर रहे हैं सेवा जो होये।
कच्चा पक्का दोनों राशन,नित्य ही गरीबों में बाँटें।
मरे भूखसे न कोई नर सेवा है,दुःख नारायण छांटें।
किसान न होते धरती पर,तो कहाँ अन्न फिर पाते।
अन्नसब्जी को लोग तरसते,सोचो फिर क्या खाते।
कोरोना वारियर्स केही जैसे,इनका भी हो सम्मान।
भूखों सब मर जाते यदि,ना होते मेहनती किसान।
सब है कृपा प्रभू की भइया, रक्षक है कृपानिधान।
संकट की इस घड़ी सहायक, केवल एक किसान।
बहुत सब्र करलिया,सह लिया पूरा-2 लाकडाउन।
टारो अब प्रकोप इसका,मृत्युदर भी तो हो डाउन।
जैसे शिवतांडव करके प्रभु,हर अहंकारी को मारे।
वैसेही कोविड19 को मारें,दिखे ना किसी के द्वारे।
ये महाकाल भोले शंकर ही,कोरोना को भी मारेंगे।
इस वैश्विक बीमारी को,केवल वह ही जगसे टारेंगे।
रचयिता :
डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव
सीनियर लेक्चरर-पी बी कालेज,प्रतापगढ़,यू.पी.
जिलाध्यक्ष
ह्यूमन सेफ लाइफ फाउंडेशन-प्रतापगढ़,उ.प्र.
संपर्क : 9415350596
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