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नूतन लाल साहू

सावन का झूला

झूला तो अनेकों झूलते है
प्रायः हर महीना
पर इंतजार रहता हैं, एक झलक देखनें को
सावन का झूला
सावन में हरियर हरियर दिखती है
चारो तरफ धरती मां
किसिम किसिम के फूल फूले है
फुलवारी में
राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक
इंतजार रहता है
सावन का झूला
प्रेम प्रेम सब कोई कहता है
पर प्रेम की मरम, न जाने कोय
राधा जी ने प्रेम किया था,श्री कृष्ण जी से
ऐसा ही प्रेम से मिलन होता है, हरि से
राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक
इंतजार रहता है
सावन का झूला
बहारों कलियां बन जाओ तुम
फूल बन मुस्कुराओं
और फूल बरसाओं
मधुर मधुर मस्त मस्त
गीत तुम सुनाओ
तितली बन जाओ तुम
भौरें बन गुणगुनाओं
आ गया सावन का महीना
झूला तो अनेकों झूलते है
प्रायः हर महीना
पर इंतजार रहता है, एक झलक देखनें को
सावन का झूला

नूतन लाल साहू

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