ए पी जे कलाम को सलाम---
चलता रहता संसार
काल समय की नित्य
निरंतर चाल।।
बढ़ता जाता लौट कर नही आता
इतिहास पन्नो से वर्तमान को प्रेरित करता।।
रामेश्वर तट शिव शंकर महिमा मोक्ष जन्म जीवन मृत्यु आलोक जन्म बचपन रामेश्वर की गलियों में
साधारण परिवार।।
संघर्षों का बचपन अब्दुल
संघर्षों से निखर प्रखर किशोर युवा जवान।।
आंखों में सपने हृदय भाव में ज्वाला सार्थक जीवन प्राप्त करे कुछ ऐसा युग समय समाज का अभिमान।।
गीता बाईबल और कुरान धर्म कर्म ज्ञान बोध की महिमा गौरव कलाम।।
घृणा द्वेष की दुनियां में अस्त्र शत्र की होड़ पुरुष प्रक्षेपास्त्र।।
पृथ्वी से पृथ्वी या आकाशसे आकाश सागर हृदय की गहराई हो चाहूं ओर सुरक्षा कवच कर्म पराक्रम पुरुषार्थ कलाम।।
माँ भारती का लाड़ दुलार प्रथम
नागरिक की गरिमा कलाम।।
जन जन की अभिलाषा युवा सोच
संमझ की भाषा आवाहन कलाम।।
खुली आंख से सपने देखो युवा
जागृत्व चेतना का युग सांचार
कलाम।।
वैचारिक चिंतन परिकल्पना
यथार्थ आविष्कार का कलाम।।
पढ़ना और पढ़ाना जीवन धर्म
शिक्षा की परीक्षा परिणाम का
महापरिनिर्वाण कलाम।।
आदर्श अस्तित्व की धारा
का अविरल निर्मल निर्झर
नित्य निरंतर प्रबाह कमाल।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीतांम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश
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