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नंदिनी लहेजा

विषय-नारी सौंदर्य
विधा-कविता

ईश्वर की अनुपम कृति हैं नारी
सौंदर्य की है साक्षात् मूरत नारी
ममता,करूणा और प्रेम से भरी
कोमल,चंचल सी है नारि
नारी सौंदर्य की बात करें
जाता सबका रूप रंगत पर ध्यान
कोई सूरत का होए दीवाना
किसी के कजरारे नयन ,बनते उसकी पहचान
सबसे बड़ा सौंदर्य नारी का,
जो ईश्वर ने दिया नारी को दान
अपने भीतर इक जीवन सींचे ,
और पाए मातृत्व का मान
मर्यादा,शील का कवच
नारी-सौंदर्य को इसके निखरता है
कहीं मलिन नज़र किसकी ना पड़े
नारी का सौंदर्य उसे कहीं डराता है
बस बिनती इक नारी की सबसे
दो सम्मान हमारे अस्तित्व को
भयमुक्त दो वातावरण हमें
ताकि निखरे हम अपने गुणों के सौंदर्य को

नंदिनी लहेजा
रायपुर(छत्तीसगढ़)
स्वरचित मौलिक

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