परभात्यां नींवण में अेक गीत :-
सामी आज्या गौरड़ी
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म्हारै सपनां री राणी तूं
सामी आज्या गौरड़ी आज...
सावण बरस रह्यो झमाझम
जीव म्हारो बिलमाज्या आज....
रेसमी जुलफां स्यूं झरै
झर झर प्रीत रो पाणी
पारे सा चिकणा गालां पे
कद ठहरै ओ झरतो पाणी
मन बसी तस्वीर
कद खुलै तक़दीर
देखो आभै स्यूं उतरी परी आज......
सामी आज्या गौरड़ी आज......
निचोवै निगोड़ी बिरखा भीज्यो
नरम हाथ सै पल्लो कसूमल
चम्पई आंगळयां पे दमक रही
पळकै हीरे री कणी झलमल
चालै सीतळ पवन
लागै हिये अगन
लगासी आग पाणी में आज......
सामी आज्या गौरड़ी आज......
गौरी हंस कै मांगै तो देदयां
म्हारी आ लटपटती जान
कद आसी बा रात मिलन री
कोई करादै बींरो ग्यान
चांदो चुग़ली खावै
तारा हंस बतळावै
नैंणा उतरै अंसुवन धार आज......
सामी आज्या गौरड़ी आज.....
आ क़लम बावळी कद लिख्या
थांरी म्हांरी प्रीत रा गीत
बोल तो सजाया सावणियो
सुर सजावण हाळो मनमीत
घन घणघोर घणा
मनड़ो समझै कणां
सजा दै मनड़े रा सपना आज.....
म्हारै सपनां री राणी तूं
सामी आज्या गौरड़ी आज....
फक्कड़ रा सगळां नै राम राम
छत्र छाजेड़ “फक्कड़”
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