इश्क इबादत का चेहरा----
दिल मे हलचल बेचैनी
फ़ज़र से नज़र दिल में उतरता चेहरा।।
तपिश बारिस इंतज़ार हो शाम दीदार नज़र का चेहरा।।
करीब थे लगता ही नही जिंदगी में दूर कभी जाएंगे क्या कहूँ वक्त को वक्त की यादों का चेहरा।।
सुर्ख गालों की लाली कानो में बाली चमकती माथे पे बिंदिया जहां कि नूर नज़र का चेहरा।।
सावन की रिमझिम फुहार भीगा बदन साँसों की गर्मी हुश्न निखार काचेहरा।।
बादलों में छुपा चाँद कभी चाँदनी अंधेरा कभीहवाओ में जुल्फ घटाओंमें छुपा चाँद सा चेहरा।।
संगेमरमर सा तरासा वदन जुनून इश्क़ जैसे पिघलता मोम चिरागों कीजरूरत ही नही चाँद भी शर्माए जमाने
में रौशन नाज़ चेहरा।।
मंदिर में मूरत जैसी हीरे मोती की तमन्ना क्या करे कोई तमाम मन्नत मुरादों की इबादत चेहरा।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीतांम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश
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