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अमरनाथ सोनी अमर

प्रदत्त बिषय पर रचना अर्पित! 

बिधा- दोहा! 

जीवन ऐसा तुम जियो, समझो हम दिर्घायु! 
नेक कर्म करते रहो,मानों- मत अल्पायु!! 1!! 

नेक कर्म से आपका, बढे़ आयु तुम जान! 
भले बिदाई हो गयी, लेकिन अमर जवान!! 2!! 

मानव जीवन में सदा, रहता ग्रंथ महत्व! 
धर्म, कर्म अरु नीति का, उसमें सब है सत्व!! 3!! 

ग्रंथों से शिक्षित हुआ, बनता वही बलिष्ठ! 
सब बिधि संयम वह करे, जाये बन धर्मिष्ठ !! 4!! 

अपनें जैसा मानिये,जीव -जंतु तुम भ्रात! 
राखो सम ब्यवहार तुम, सब तो हैं निज तात!! 5!! 

कभी नहीं दुर्भावना, पालो मत दिलदार! 
प्राँणी सब हैं आपने, कर लो इनसे प्यार!! 6!! 

अमरनाथ सोनी अमर
9302340662

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