विषय पंक्ति:- नीर भरे बादल
मेघा गरजै घणा
**************
छत्र छाजेड़ “फक्कड़”
नीर भरिया बादळिया
मेघा गरजै घणाऽऽऽऽ.....
आयो सावण सुरंगों मेघा गरजै घणा....
हिवड़ो पूछै कहो पिया थे आस्यो कणां.
मेघा गरजै घणाऽऽ
झिरमिर बूंदड़ल्यां भिजावै तनड़ो
देह तपै अंगारा सीऽ तरसै मनड़ो
लाल गरारा
पळकै थांरा
करै इसारा
नैंणां म्हारै अै रड़कै घणाऽऽऽऽ....
मेघा गरजै घणा ऽऽऽ...
तड़ तड़ाती देखो आभै बिजळयां पळकै
धड़ धड़ाती म्हांरी देखो छतियां धड़कै
उमटी है घटा
बिखरी है छटा
उळझी है लटां
हिवड़े मांय अरमां फड़कै घणांऽऽ....
मेघा गरजै घणांऽऽऽ...
आली माटी री सोरम पून स्यूं के कहवै
चांद हंसै,तारा मुळकै,रात यूं ढळज्यावै
मनड़ै री बात
कटै नी रात
कीं मांगै गात
सावणिये सपना म्हांरा भड़कै घणाऽऽ..
मेघा गरजै घणाऽऽ..
नीर भरिया बादळा
मेघा गरजै घणाऽऽऽ
आयो सावण सुरंगों
मेघा गरजै घणाऽऽ
हिवड़ो पूछो कहो पिया
थे आस्यो कणांऽऽऽ
नीर भरिया बादळा
मेघा गरजै घणांऽऽऽऽऽ
मेघा गरजै घणांऽऽऽऽऽ......
मानीजतै पटळ नै नींवण
ह
पटल नै नमन सागै राजस्थानी हाईकू हिंदी
भावानुवाद साथै :-
राजस्थानी हिंदी
आयो अेकलो आया अकेला
क्यूं गुमान करै अभिमान काहे का
जासी अेकलो जाये अकेला
फड़फड़ावै फड़फड़ाता
सूखै पान सो मन सूखे पत्ते सा मन
झूठी रीस में झूठे क्रोध में
मन बिना रा बिना मन के
लागै अणखावण भले नहीं लगते
चाहे पावणा मेहमान वो
सियासत में सियासत में
विस्वास रो नांव विश्वास का नाम
कहीजै धोखो होता है धोखा
रूप रै सामै रूप सामने
दोरो घणो टिकणो टिकना मुश्किल
डिग्या साधु डोलते साधु
लै सबड़को लेते सबका
दही राबड़ी कांदो दही राब प्याज
लागै स्वाद लगे स्वाद
आपरी ओल़खाण मायड़ भासा
छत्र छाजेड़ “फक्कड़”
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें