*1️⃣कृपा*
जगह जगह पर भटक कर,आया तेरे द्वार i
गण नायक करिवर वदन,
करिए कृपा उदार ।
2️⃣
*विषय* भोग से दूर रह,
पा लूँ तेरी भक्ति।
विध्न हरण जी ! दीजिए
मुझको ऐसी शक्ति।
*3️⃣लेखन*
लेखन मेरा तेज हो,
शब्द अर्थ गति भाव i
पाठक श्रोता के हृदय
छोड़े आशु प्रभाव
*4️⃣उत्तम*
उत्तमकविता रच सकूँ
दे दो यह वरदान i
विघ्नविनाशक गणपते !
जय हेरम्ब महान i
5️⃣ *विचार*
सोच,आचरण ठीक हो,
उन्नतरहें विचार ।
धन,पद पाकर भी कभी
आवे नहीं विकार i
*रचनाकार*
*डॉ० विमलेश अवस्थी*
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