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योगिता चौरसिया प्रेमा

सादर समीक्षार्थ
प्रेमा के प्रेमिल सृजन __
26/09/2021_

आज का छंद ---

     ---  श्रग्विणी / लक्ष्मीधर /कामिनी मोहन --
        द्वादशाक्षरावृत्ति
 गण संयोजन ---    रररर 
          212-212-212-212

आज माधो रखें प्रीत की भावना ।
ज्ञान दो मान दो सिद्ध हो कामना ।।
भाव में आज हो प्रीत की साधना ।
आत्म विद्या  लिए दिव्य आराधना ।।1!!

नित्य  चेष्टा रखें बंदगी सर्वदा ।
दिव्य प्रार्थी बने साधिका जो सदा ।।
दूरदर्शी  भरो प्रेम को नाथ जी।
जिंदगी शक्ति हो दीप सा साथ जी ।।2!!

खोजती  योगिता आपकी  साधिका ।
 बाट  है जोहती प्रीत में राधिका  ।।
साजना याचना आज तो मानिए ।
मैं बनी  आपकी ये सदा जानिए  ।।3!!

---योगिता चौरसिया "प्रेमा"
-------मंडला म.प्र.

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