*पहले हम सब जैन है*
विधा : गीत भजन
मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू,
मेरा जैनधर्म,सब कुछ है तू।
हर कर्म अपना करेंगे,
जैन धर्म के अनुसार।
जैनकुल में जन्म लिया है,
जैनी होने का अभिमान।
हम जीयेंगे हम मरेंगे,
जैन धर्म के अनुसार।
जैनकुल में जन्म लिया है,
जैनी होने का अभिमान।।
तू में कर्मा, तू मेरा धर्मा,
तू मेरा अभिमान है।
जैन धर्म तुम पर,
मेरा जीवन कुर्बान है।
हम जिएंगे हम मरेंगे,
जैन धर्म के अनुसार ।
जैनकुल में जन्म लिया है।
जैनी होने का अभिमान है।।
दिगम्बर, श्रेताम्बर, स्थानकवासी,
हम सब जैन है, बस हम जैन है।
जो करे पंथवाद की बाते,
वो महावीर का भक्त है ही नहीं।
हम जीएंगे हम मरेंगे,
जैन धर्म के अनुसार ।
जैनकुल में जन्म लिया है।
जैनी होने का अभिमान है।।
आज महापर्वराज पर्यूषण का नौवा दिवस *उत्तम आकिंचन धर्म* के उपलक्ष्य में मेरा उपरोक्त गीत भजन सभी जैन श्रावक और जैन समाज को समर्पित है।
जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन "बीना" मुंबई
18/09/2021
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