अनन्त चतुर्दशी 2021
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी भगवान अनन्त का व्रत करते।
अन्त न होने वाले सृष्टि के कर्ता विष्णु की भक्ति का दिन कहते।
यह विष्णु कृष्ण रूप हैं और शेषनाग काल रूप में विघमान रहते।
स्नान करके कलश की स्थापना कर कलश पर अष्टदल कमल के समान बने बर्तन से निर्मित अनन्त भगवान की स्थापना करते।
समीप चौदह गाँठ लगाकर हल्दी से रंगे कच्चे डोरे को रखते।
गन्ध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेध से पूजन करते।
अनन्त भगवान का ध्यान कर शुद्ध अनन्त को अपनी दाई भुजा में बाँध कर मानव शुभ मंगल पाते।
धागा अनन्त फल देने वाला अनन्त की चौदह गाँठ चौदह लोको की प्रतीक हैं इसमे अनन्त भगवान विघमान रहते।
डॉक्टर रश्मि शुक्ला
प्रयागराज
उत्तर प्रदेश
भारत
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें