हाइकु
विश्व नदी दिवस पर
नदी
नदी चली है
अमृत जल ले के
सर्व हिताय।
*
नदी चली है
गुनगुनाते गीत
प्यास, पानी के।
*
साहसी नदी
चट्टानों को चीरती
बहती रही।
*
नदी में आ के
खो गईं वर्षा बूँदें
प्यार अथाह।
*
सुंदर दृश्य
नदी के तट पर
प्यासा न कोई।
*
नदी का भाग्य
कल पानी से भरी
आज आँसू से।
*
सूखी नदी में
धूप आकर करे
स्वेद तर्पण।
*
गहरी नदी
सूख के रेत हुई
मिट्टी पलीद।
*
नरेन्द्र श्रीवास्तव
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