।गीत(16/14)
हुई कृपा जब माँ लक्ष्मी की,
जीवन यह सुखसार हुआ।
माँ का ही आशीष प्राप्तकर-
सबका बेड़ा पार हुआ।।
होती है जब कृपा मातु की,
खल ग्रह सब मिट जाते हैं।
दया-सिंधु है माँ का आँचल,
सभी विघ्न हट जाते हैं।
देखा था सुख-स्वप्न कभी जो-
आज वही साकार हुआ।।
सबका बेड़ा पार हुआ।।
नारायण की वामा लक्ष्मी,
पीड़ा सबकी हरती हैं।
सदा भक्त के ऊपर यह माँ,
सुख का नीर बरसती हैं।
मातु कृपा ही पाकर जीवन-
सुख का पारावार हुआ।।
सबका बेड़ा पार हुआ।।
श्रद्धा-भाव हृदय में रखकर,
जिसने मातु अर्चना की।
मुदित मना तब माँ लक्ष्मी ने-
नव सोपान सर्जना की।
चढ़कर सीढ़ी पा उन्नति पर-
लोंगो का सत्कार हुआ।।
सबका बेड़ा पार हुआ।।
लक्ष्मी माँ का रूप निराला,
चित्ताकर्षक-हर्षक है।
सतत स्मरण माता जी का,
धन-वैभव का वर्धक है।
जिसने की है माँ- उपासना-
उसका शुद्ध विचार हुआ।।
माँ का ही आशीष प्राप्तकर-
सबका बेड़ा पार हुआ।।
© डॉ0 हरि नाथ मिश्र
9919446372
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