*करवा चौथ का निर्जला व्रत*
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कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि।
सुहागिनों का होता है करवा चौथ व्रत तिथि।
पति की लम्बी उम्र हेतु रखती हैं निर्जला व्रत।
रात्रि में चंद्रदर्शन करने के बाद तोड़ती हैं व्रत।
24अक्टूबर21 को है इसबार करवा चौथ व्रत।
शुभ नक्षत्र रोहिणी में अबकी पड़ रहाहै ये व्रत।
एक और संयोग बना है रविवार का भी है दिन।
सूर्यदेव भी आशीष देंगें सुहागिनों को इस दिन।
सूर्योदय से पूर्व उठके ये महिलाएं करती स्नान।
सरगी खाएं जल पिएं करें गणेश पूजा व ध्यान।
निर्जल व्रत का संकल्प करें फिर कुछ ना खाएं।
दिनभर निर्जल रखवाए सायं में जब चंदा आएं।
चलनी हाथ ले अपने पिया को चंद्रमा जैसे देखें।
पति के हाथों जल पीकर ही उनके प्रेम को देखें।
करें कामना पति के दीर्घ आयु का चंदा से मांगें।
तोड़ें व्रत सभी सुहागिनें ख़ुशियाँ पुन-पुन मांगें।
सूर्यदेव देते आरोग्य व दीर्घायु रहने के आशीष।
पति-पत्नी को जीवन में स्वस्थ सुखद आशीष।
देते चंद्रदेव हैं अपना सुहागिनों को यह आशीष।
पति चिरायु रहे धरेरहे नित हाथ पत्नी के शीश।
पूजन करें मिट्टी के वेदी पर सब देवता स्थापित।
इसी वेदी पर ही करवा भी मध्य में करें स्थापित।
थाल में पूजा हेतु धूप दीप चंदन रोली सिंदूर रखें।
घी का दीप जला चाँद निकलने के पूर्व शुरू करें।
रचयिता :
डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव,प्रतापगढ़,यू.पी.
(शिक्षक,कवि,लेखक,समीक्षक एवं समाजसेवी)
संपर्क : 9415350596
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