कुसुमित कुण्डलिनी ----
24/10/2021
------ संस्थापक -----
संस्थापक शुभ ज्ञान के , स्वागत बारंबार ।
आज बीच में आ गये , ज्ञान पुंज अवतार ।।
ज्ञान पुंज अवतार , दिव्यता के परिमापक ।
दिये नवल उपहार , विराजे हिय संस्थापक ।।
संस्थापक सद्मार्ग के , सद्गुरु दीनदयाल ।
तमस छटे अज्ञान के , जीवन करे निहाल ।।
जीवन करे निहाल , गुणीजन हे अध्यापक ।
विधिवत दें बुनियाद , मर्ममति श्री संस्थापक ।।
संस्थापक जब भ्रष्ट हो , हो समूह का अंत ।
आहत हो सद्भावना , अपमानित हो कंत ।।
अपमानित हो कंत , नहीं बन पाये व्यापक ।
सभी मार्ग अवरुद्ध , करे झूठा संस्थापक ।।
संस्थापक संयमित हो , धर्म कर्म सद्भाव ।
अनुयायी मानस पटल , बनता अमिट लगाव ।।
बनता अमिट लगाव , पूज्य होता प्रज्ञापक ।
उदाहरण अति श्रेष्ठ , करे प्रस्तुत संस्थापक ।।
-------- रामनाथ साहू " ननकी "
मुरलीडीह ( छ. ग. )
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