सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कालिका प्रसाद सेमवाल

*सबके प्रति दया और प्रेम हो*
★★★★★★★★★★
सब   प्राणियों   के  प्रति
जब    मन।  में  पीड़ा  हो,
प्राणी   मात्र    की    पीड़ा 
जब   अपनी   पीड़ा लगेगी,
तब     ये    समझ     लेना
कि   हमारे   हृदय में  दया है।

तब     प्राणों     में    सोया 
प्रेम      जाग       जायेगा,
और      दूसरे    के     दर्द
अपनी  पीड़ा  समझने लगेंगे,
तब  ये   समझ   लेना   कि 
 ये जीवन हमें सही मिला है।

मनुष्य     की        सुमति
गुरु    चरणों   में  समर्पण,
गुरु कृपा   से  ही   होती   है
गुरु   की   वंदना  से होती है,
गुरु के   प्रति    निष्ठा    ही
उनकी   सच्ची अर्चना   है।

ईश्वर    का      सामीप्य
गुरू कृपा से ही सम्भव है,
कर्मो     का   क्षय      भी
ईश्वर की कृपा से होता है,
हृदय में दया  और   प्रेम
प्रभु कृपा से जाग्रत होता है।
*********************
कालिका प्रसाद सेमवाल
रुद्रप्रयाग    उत्तराखंड


*हे महावीर तुम्हें प्रणाम*
********************
भक्तों के रक्षक हो
सकल गुणों की तुम खान हो
तेज तपस्वी महावीर तुम
जय -जय मारुति नन्दन।

घर -घर पूजे जाते हो प्रभु
विद्या विनय सिद्धि दायक
रुद्र अशं हनुमन्त महान 
हे महावीर तुम्हें प्रणाम।

अरुण रंग और तरुण अंग
अंजनी सुत अभिनन्दन है
हर पल राम भक्ति में डूबे हो
हे महावीर तुम्हें प्रणाम।

कष्ट निवारक करुणा नायक
भक्तों की सुनते हो तुम पुकार
ज्ञान ध्यान के योगी हनुमन्ता
हे महावीर तुम्हें प्रणाम।

चरण शरण तुम्हारे आया हूँ
संकट को हर लो श्री हनुमान
हाथ जोड़ कर करता हूँ विनती
हे महावीर तुम्हें प्रणाम।

अंजनी सुत हम शरण तुम्हारे
तुम्हें कोटि -कोटि वन्दन  
बल बुद्धि विद्या के दाता
हे महावीर तुम्हें प्रणाम।
*********************
कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

डा. नीलम

*गुलाब* देकर गुल- ए -गुलाब आलि अलि छल कर गया, करके रसपान गुलाबी पंखुरियों का, धड़कनें चुरा गया। पूछता है जमाना आलि नजरों को क्यों छुपा लिया कैसे कहूँ , कि अलि पलकों में बसकर, आँखों का करार चुरा ले गया। होती चाँद रातें नींद बेशुमार थी, रखकर ख्वाब नशीला, आँखों में निगाहों का नशा ले गया, आलि अली नींदों को करवटों की सजा दे गया। देकर गुल-ए-गुलाब......       डा. नीलम

डॉ. राम कुमार झा निकुंज

💐🙏🌞 सुप्रभातम्🌞🙏💐 दिनांकः ३०-१२-२०२१ दिवस: गुरुवार विधाः दोहा विषय: कल्याण शीताकुल कम्पित वदन,नमन ईश करबद्ध।  मातु पिता गुरु चरण में,भक्ति प्रीति आबद्ध।।  नया सबेरा शुभ किरण,नव विकास संकेत।  हर्षित मन चहुँ प्रगति से,नवजीवन अनिकेत॥  हरित भरित खुशियाँ मुदित,खिले शान्ति मुस्कान।  देशभक्ति स्नेहिल हृदय,राष्ट्र गान सम्मान।।  खिले चमन माँ भारती,महके सुरभि विकास।  धनी दीन के भेद बिन,मीत प्रीत विश्वास॥  सबका हो कल्याण जग,हो सबका सम्मान।  पौरुष हो परमार्थ में, मिले ईश वरदान॥  कविः डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" रचना: मौलिक (स्वरचित)  नई दिल्ली

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान महराजगंज टाइम्स ब्यूरो: महराजगंज जनपद में तैनात बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व साहित्यकार दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना के चलते मिली है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी ने कोरोना पर अपनी रचना को ऑनलाइन काव्य प्रतियोगिता में भेजा था। निर्णायक मंडल ने शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल के काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना को टॉप 11 में जगह दिया। उनकी रचना को ऑनलाइन पत्रियोगिता में  सातवां स्थान मिला है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी को मिले इस सम्मान की बदौलत साहित्य की दुनिया में महराजगंज जनपद के साथ बेसिक शिक्षा परिषद भी गौरवान्वित हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बैजनाथ सिंह, अखिलेश पाठक, केशवमणि त्रिपाठी, सत्येन्द्र कुमार मिश्र, राघवेंद्र पाण्डेय, मनौवर अंसारी, धनप्रकाश त्रिपाठी, विजय प्रकाश दूबे, गिरिजेश पाण्डेय, चन्द्रभान प्रसाद, हरिश्चंद्र चौधरी, राकेश दूबे आदि ने साहित्यकार शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को बधाई दिय...