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विजय कल्याणी तिवारी

जीवन एक समान
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स्थितियों के परिवर्तन ही जीवन के पहचान
बोलो किसको कभी मिला है जीवन एक समान?

ज्ञात तुम्हें है जब सब बातें आँसू किस बात
यह जीवन ही रण भूमि है वरण करो हे तात्।

जीत हार निर्णय तो लड़ कर हो हो पाएगा
जो लड़ता है जीत हमेशा उसके हिस्से आएगा।

भय भ्रम मे जीने से अच्छा सत्य करो स्वीकार
यह भी संभव है कि तुमको याद करे संसार।

आने वाली पीढ़ी का पथ दर्शन संभव कर दो
जो अनुशरण तुम्हारा कर लें उनमे उर्जा भर दो।

जो भाग उसके हिस्से मे दुख ही दुख आया
स्थितियों को समझ डटे उन्हें प्रभु ने अपनाया।

जीवन का संदर्भ समझने लालायित रहना
कुछ छूटे कोई बात नही प्रभु पद ही गहना।

विजय कल्याणी तिवारी
बिलासपुर छ.ग.

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