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डॉ० विमलेश अवस्थी

Date: 2021/08/12

Title: 
गीत कुछ कृपा करो हे मन मोहन
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भारत के प्राणाधार तुम्हीं,
कुछ कृपा करो ,हे मन मोहन i
इस पार तुम्हीं,उसपार तुम्हीं
कुछ कृपा करो है ! मन मोहन !
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तुम मोर मुकट धारी कृष्णा i
यदुनन्दन बनवारी कृष्णा ।
जन जन में प्रेम प्रसार तुम्हीं,
कुछ कृपा करो हे । मनमोहन ।
भारत के प्राणाधार तुम्ही,
कुछ कॄपा करो हे i मनमोहन
****************************************
योगी जन ध्यान लगाते हैं ।
कब पार तुम्हारा पाते हैi
निर्गुण होकर,साकार तुम्हीं
कुछ कृपा करो,हे ! मनमोहन i
भारत के प्राणाधार तुम्हीं,
कुछ कृपा करो,हे मनमोहन i

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करुणा के सागर हो,तुम तो i

प्रभु ! नटवर नागर हो,तुम तो ।

जग नैया के पतवार तुम्हीं

कुछ कृपा करो,हे i मन मोहन i

भारत के प्राणाधार तुम्हीं
 
कुछ कृपा करो हे मन मोहन i

****************************************
तुम दीनों के उद्धारक  हो i

तुम असुरों के संहारक हो i

अन्यायों के प्रतिकार तुम्हीं,

कुछ कृपा करो ,हे मनमोहन i

भारत के प्राणाधार तुम्हीं,
कुछ कृपा करो,हे मनमोहन i
ब्रज मण्डल में आ जाओ फिरi
राधा संग रास रचाओं फिर।
वृन्दावन के शृंगार तुम्हीं
कुछ कृपा करो ,हे मन मोहन i
 भारत के प्राणाधार तुम्हीं
कुछ कृपा करो ,हे मन मोहन i
 रचनाकार
कवि एवम् वरिष्ठ नागरिक
डॉ० विमलेश अवस्थी

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