करवा चौथ की सभी स्नेहिल सखियों को बधाई
प्रेम प्रीत की साधना , करवा का त्योहार ।
सजी सुहागन निरखती, साजन का उपहार ।।
मुझको कुछ नहीं चहिए , साजन चाहूँ साथ ।
मान सदा रखना पिया, ले हाथों में हाथ ।।
रूप सलोना तब सजे ,साजन पकड़े हाथ ।
कजरा गजरा सज रहा, बिन्दी चूड़ी साथ ।।
सिंदूरी आभा खिली, गौरी शंकर साथ ।
करवा माँ मना रही, वरद हस्त हो माथ ।।
निर्जल व्रत रखती नहीं, पर करती हूँ प्यार ।
सुख-दुख सारे बाँटती, जो जीवन का सार ।।
मन से बाँधी डोर हैं, सांस सांस हूँ साथ ।
कोई विपदा हो अगर ,कभी न छोड़ूँ हाथ ।।
मैं दिल तुम धड़कन पिया, ऐसा अपना साथ ।
तुम से ही संसार है , तुम सजते हो माथ ।।
निशा"अतुल्य"
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