बाल साहित्य*
*शीर्षक।।बचपन*
*विधा।।हाइकु*
1
नानी का घर
छुट्टी में मौज मस्ती
न कोई डर
2
महंगे सस्ते
चंदा मामा दूर के
पास लगते
3
फिक्र की बात
दूर तक चिंता न
ये है सौगात
4
खेल खिलौना
बचपन यूँ बीते
हँसना रोना
5
रूठो मानना
बचपन खजाना
न है हराना
6
ये बचपन
पाते बच्चे सभी का
अपनापन
7
ये बच्चे सारे
मात पिता के तारे
बहुत प्यारे
8
राज दुलारा
हर बच्चा है प्यारा
जग से न्यारा
9
बच्चे हैं अच्छे
बच्चे मन के सच्चे
हँसी के लच्छे
10
ये बचपना
अनमोल तोहफा
हँसना रोना
*रचयिता।।एस के कपूर*
*"श्री हंस"।।बरेली।।*
करवा चौथ।।*
*।।विधा।।मुक्तक।।*
*।1।*
केवल यह एक व्रत ही नहीं
सुहागन का संस्कार है।
पति की दीर्घ आयु के लिये
ये चंद्रमा से गुहार है।।
प्रेम के अभिव्यक्ति की मानों
चरमसीमा है करवा चौथ।
सोलह श्रृंगार से सुजाज्जित
आस्था का त्यौहार है।।
*।2।*
स्नेह प्रेम आस्था विश्वास का
इक़ पर्व है करवा चौथ।
इक़ सुहागन के समर्पण
का गर्व है करवा चौथ।।
भारतीय नारी पति के जीवन
के लिए कर सकती कुछ भी।
एक नारी के श्रृंगारित चेहरे
का दर्प है करवा चौथ।।
*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*।।बरेली।।*
*©. @. skkapoor*
*सर्वाधिकार सुरक्षित*
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