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अमरनाथ सोनी अमर

सजल-

प्रथम बार लिखने का प्रयास किया है सुझाव की अपेक्षा! 

जीने का अधिकार मिला है ये मगर! 
कैसे जियें तरीका खोजो कर फिकर! 
जीना तो आसान  नहीं है  देश  में! 
कोई युक्ति निकाल नहीं कटेगा सर!! 

अब आतंक फैल गया है भारत में! 
कर देंगें बेकार हमारा  यह  सफर!! 
अस्त्र, शस्त्र अब रखना घर में है उचित! 
वही फैसला करे अचानक है निडर!! 
पूर्व हुआ  प्रयोग  हमारे   भारत में! 
इन्हीं डरों के कारण देश हुआ अमर!! 

अमरनाथ सोनी "अमर "


दोहा- राधिका! 

कृष्ण राधिका रूप दो,दोनों में इक प्रान! 
कृष्ण जपो या राधिका,अति सुंदर भगवान!! 

कृष्ण राधिका तुम जपो, कट जायेंगें क्लेश! 
बिन प्रयास भव पार हो, यही संत निर्देश!! 

अमरनाथ सोनी" अमर "
9302340662

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