सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

डॉ0 हरि नाथ मिश्र

सरयू
      *सरयू-महिमा*(16/15,आल्हा-वीर छंद)
परम पवित्र यह सरिता सरयू,बहे अयोध्या उत्तर दिशि,
निर्मल नीर सदा रह इसका,सब जन करते रोज नहान।
साधु-संत चहुँ दिशि से आकर,करें आचमन,इसका पान,
करते दर्शन रघुवर जी का,प्रमुदित मन देकर सम्मान।

 घाट सभी जो सरयू-तट पर,सभी स्वच्छ-निर्मल रहते,
संत- भक्त जन,सब जन जाकर,सरयू-दर्शन लें अभिराम।
करके पूजन-अर्चन सब जन,नगर-भ्रमण का करें प्रयाण,
पुनि सब जाकर मंदिर-मंदिर,करें प्रार्थना प्रभु श्री राम।।

परम पवित्र यह अति रमणीया,नगरी नाम अयोध्या धाम,
सरयू-तट पर स्थित यह है,जन्म-भूमि यह रामलला।
चारो भ्राता-क्रीड़ा-नगरी,विमल-सुखद है आबो-हवा-
सरयू-जल की नित-प्रति डुबकी,करे नाश हर दर्द-बला।।

औषधि सम है सरयू-नीरा,विष्णु-अश्रु की यह जल-धार,
यह सरिता है पाप-विनाशन,इसका गौरव जगत महान।
आदि-काल से सतत प्रवाही,प्राण-दायिनी जीवन यह-
यह है सरिता रामलला की,करे विश्व का नित कल्याण।।


राम की पैड़ी सुंदर-अनुपम,सरयू-नीर बहे पुरजोर,
यहाँ सभी हैं रोज नहाते,यहीं पे करते हैं विश्राम।
शाम आरती मिलकर करते,भक्ति-भाव से चित-मन-गात-
पुनि सब जाकर करते पूजन,जन्म-भूमि प्रभु ललित-ललाम।।
                ©डॉ0हरि नाथ मिश्र
                     9919446372

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

डा. नीलम

*गुलाब* देकर गुल- ए -गुलाब आलि अलि छल कर गया, करके रसपान गुलाबी पंखुरियों का, धड़कनें चुरा गया। पूछता है जमाना आलि नजरों को क्यों छुपा लिया कैसे कहूँ , कि अलि पलकों में बसकर, आँखों का करार चुरा ले गया। होती चाँद रातें नींद बेशुमार थी, रखकर ख्वाब नशीला, आँखों में निगाहों का नशा ले गया, आलि अली नींदों को करवटों की सजा दे गया। देकर गुल-ए-गुलाब......       डा. नीलम

डॉ. राम कुमार झा निकुंज

💐🙏🌞 सुप्रभातम्🌞🙏💐 दिनांकः ३०-१२-२०२१ दिवस: गुरुवार विधाः दोहा विषय: कल्याण शीताकुल कम्पित वदन,नमन ईश करबद्ध।  मातु पिता गुरु चरण में,भक्ति प्रीति आबद्ध।।  नया सबेरा शुभ किरण,नव विकास संकेत।  हर्षित मन चहुँ प्रगति से,नवजीवन अनिकेत॥  हरित भरित खुशियाँ मुदित,खिले शान्ति मुस्कान।  देशभक्ति स्नेहिल हृदय,राष्ट्र गान सम्मान।।  खिले चमन माँ भारती,महके सुरभि विकास।  धनी दीन के भेद बिन,मीत प्रीत विश्वास॥  सबका हो कल्याण जग,हो सबका सम्मान।  पौरुष हो परमार्थ में, मिले ईश वरदान॥  कविः डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" रचना: मौलिक (स्वरचित)  नई दिल्ली

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान महराजगंज टाइम्स ब्यूरो: महराजगंज जनपद में तैनात बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व साहित्यकार दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना के चलते मिली है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी ने कोरोना पर अपनी रचना को ऑनलाइन काव्य प्रतियोगिता में भेजा था। निर्णायक मंडल ने शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल के काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना को टॉप 11 में जगह दिया। उनकी रचना को ऑनलाइन पत्रियोगिता में  सातवां स्थान मिला है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी को मिले इस सम्मान की बदौलत साहित्य की दुनिया में महराजगंज जनपद के साथ बेसिक शिक्षा परिषद भी गौरवान्वित हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बैजनाथ सिंह, अखिलेश पाठक, केशवमणि त्रिपाठी, सत्येन्द्र कुमार मिश्र, राघवेंद्र पाण्डेय, मनौवर अंसारी, धनप्रकाश त्रिपाठी, विजय प्रकाश दूबे, गिरिजेश पाण्डेय, चन्द्रभान प्रसाद, हरिश्चंद्र चौधरी, राकेश दूबे आदि ने साहित्यकार शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को बधाई दिय...