*आजा कान्हा*
आजा ओ कान्हा तुम्हें रोज मै पुकारती
तेरा ही नाम लेकर धड़कन मेरी चलती।
दुनिया की कुछ भी कान्हा दौलत ना चाहिए
तेरे ही चरणों में रहने की इजाजत मुझे चाहिए।
कैसे मैं पाऊँ तुझको तू ही बता दे कान्हा
तेरे ही दर्शन को तड़पे दिल ये मेरा नन्हा।
सुना है कान्हा तुमने प्रीत तो निभाई है
मुझको क्यों कृष्णा तुमने कर दिया पराई है।
मुझको ना भाये कान्हा अब यह तेरी दुनिया
तेरा ही नाम लेकर मुझको मिलती है खुशियाँ।
आना ही होगा तुमको आना ही होगा तुमको
आजा ओ कान्हा तेरा रस्ता मैं देखती।
🙏🌹 *सुप्रभात*🌹🌹
*ऊषा जैन कोलकाता*
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