*मेरे श्याम साँवरे*
मेरे श्याम साँवरे मेरे श्याम साँवरे
याद तेरी आए कलेजे हूक उठे रे।
कान्हा तुझसे दूरी सही नहीं जाए
तेरे दर्शन को मेरा जिया भटके रे।
माखन मिश्री का कान्हा भोग मनाया
बैठी हूँ कबसे लेकिन कान्हा ना आया।
कान्हा मुझ में तो कोई भी गुण नहीं है
तेरा ही रूप कान्हा मेरे मन समाया।
आजा श्याम साँवरे आजा श्याम साँवरे
अपने चरणों में रखलो अब मुझे साँवरे।
🙏🌹*सुप्रभात* 🌹🙏
**ऊषा जैन कोलकाता*
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