सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मार्कण्डेय त्रिपाठी

रंगों का जीवन में महत्व

रंगों का जीवन में बहुत महत्व है,
प्रकृति का उपहार,मनोरम तत्व है ।

रंग जीवन को सरस बनाते ,
ऋषि, मुनि भी इसके गुण गाते ।
कवियों के लिए प्रकट अमरत्व है ।।
रंगों का जीवन में

मनोवैज्ञानिक प्रभाव सुखदाई ,
चिकित्सकों ने महिमा गाई ।
सांगीतिक प्रतिभा में इसका सत्व है ।।
रंगों का जीवन में

नीला रंग शांति, सुख दाता ,
गगन, सिंधु नीला है भ्राता ।
नीले परदे का भी बहुत महत्व है ।।
रंगों का जीवन में

पीला राष्ट्र प्रेम सूचक है ,
त्याग, समर्पण का रूपक है ।
कविताओं में इसका रुचिर प्रभुत्व है ।।
रंगों का जीवन में

स्वास्थ्यवर्धक नित हरा रंग है ,
हरियाली सबको पसंद है ।
आंखों के लिए सुखद यह तत्व है ।।
रंगों का जीवन में

गर्मी में काला हितकारी ,
भय और शोक प्रतीक अवतारी ।
तमोगुणी है, फिर भी प्रकृति प्रदत्त है ।।
रंगों का जीवन में

लाल रंग खतरे का द्योतक,
जोश, उत्साह भाव का पोषक ।
इसमें गर्माहट का सच में तत्व है ।।
रंगों का जीवन में

श्वेत, शांति शुचिता दर्शाता,
अनुशासन का पाठ पढ़ाता ।
सचमुच इसमें छिपा बन्धु, अमरत्व है ।।
रंगों का जीवन में

इन्द्रधनुष में सात रंग हैं ,
मोर नृत्य में अति उमंग है ।
सब रंगों का अपना पृथक् महत्व है ।।
रंगों का जीवन में

वर्डस्वर्थ को पीला प्यारा ,
वर्जीनिया वुल्फ का हरा सहारा ।
बच्चों को तो लाल रंग में सत्व है ।।
रंगों का जीवन में

काला रंग है न्याय व्यवस्था,
खाकी में रक्षा गुलदस्ता ।
नेताओं के लिए श्वेत में तत्व है ।।
रंगों का जीवन में

मार्कण्डेय त्रिपाठी

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

डा. नीलम

*गुलाब* देकर गुल- ए -गुलाब आलि अलि छल कर गया, करके रसपान गुलाबी पंखुरियों का, धड़कनें चुरा गया। पूछता है जमाना आलि नजरों को क्यों छुपा लिया कैसे कहूँ , कि अलि पलकों में बसकर, आँखों का करार चुरा ले गया। होती चाँद रातें नींद बेशुमार थी, रखकर ख्वाब नशीला, आँखों में निगाहों का नशा ले गया, आलि अली नींदों को करवटों की सजा दे गया। देकर गुल-ए-गुलाब......       डा. नीलम

डॉ. राम कुमार झा निकुंज

💐🙏🌞 सुप्रभातम्🌞🙏💐 दिनांकः ३०-१२-२०२१ दिवस: गुरुवार विधाः दोहा विषय: कल्याण शीताकुल कम्पित वदन,नमन ईश करबद्ध।  मातु पिता गुरु चरण में,भक्ति प्रीति आबद्ध।।  नया सबेरा शुभ किरण,नव विकास संकेत।  हर्षित मन चहुँ प्रगति से,नवजीवन अनिकेत॥  हरित भरित खुशियाँ मुदित,खिले शान्ति मुस्कान।  देशभक्ति स्नेहिल हृदय,राष्ट्र गान सम्मान।।  खिले चमन माँ भारती,महके सुरभि विकास।  धनी दीन के भेद बिन,मीत प्रीत विश्वास॥  सबका हो कल्याण जग,हो सबका सम्मान।  पौरुष हो परमार्थ में, मिले ईश वरदान॥  कविः डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" रचना: मौलिक (स्वरचित)  नई दिल्ली

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान

रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान महराजगंज टाइम्स ब्यूरो: महराजगंज जनपद में तैनात बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व साहित्यकार दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना के चलते मिली है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी ने कोरोना पर अपनी रचना को ऑनलाइन काव्य प्रतियोगिता में भेजा था। निर्णायक मंडल ने शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल के काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना को टॉप 11 में जगह दिया। उनकी रचना को ऑनलाइन पत्रियोगिता में  सातवां स्थान मिला है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी को मिले इस सम्मान की बदौलत साहित्य की दुनिया में महराजगंज जनपद के साथ बेसिक शिक्षा परिषद भी गौरवान्वित हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बैजनाथ सिंह, अखिलेश पाठक, केशवमणि त्रिपाठी, सत्येन्द्र कुमार मिश्र, राघवेंद्र पाण्डेय, मनौवर अंसारी, धनप्रकाश त्रिपाठी, विजय प्रकाश दूबे, गिरिजेश पाण्डेय, चन्द्रभान प्रसाद, हरिश्चंद्र चौधरी, राकेश दूबे आदि ने साहित्यकार शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को बधाई दिय...