प्रीत पदावली ----
18/11/2021
------ बदल गया है वो -----
बदल गया है वो ।
प्रीत महल से बहुत दूर अब ,
निकल गया है वो ।।
मुझसे अच्छा पात्र मिला तो ,
पिघल गया है वो ।
सब इच्छाओं के फूलों को ,
कुचल गया है वो ।।
त्याग झोपड़ी आज किसी के ,
महल गया है वो ।
अपनी सारी खुशियाँ देकर ,
विकल गया है वो ।।
उसके थे आभास निराले ,
दहल गया है वो ।
शायद खास अभी कुछ करने ,
अमल गया है वो ।।
रोते -रोते हँसने लगता ,
सँभल गया है वो ।
मेरे आने से ही पहले ,
टहल गया है वो ।।
जाना बागों की कलियों को ,
मसल गया है वो ।।
ननकी छोड़ो उसको देखो ,
अटल गया है वो ।
-------- रामनाथ साहू " ननकी "
मुरलीडीह ( छ. ग. )
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