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रामनाथ साहू ननकी

प्रीत पदावली  ----
21/11/2021



                   ------ असर -----


डस कर सारे नाग चले ।
      जहरीली हवाओं का असर है ,
                        पहले तो ये लगे भले ।।

किस किस के नाम गिनाऊँ बोलो ,
                      सभी मिले नहले दहले ।
दोहन कर गये समूचा जीवन ,
                       प्रेमी बन आये पहले ।।

मादकता का वो दौर गुजरता ,
                  आज पड़े सब हाथ मले ।
देह शिथिलता अब व्याप्त हुआ है ,
                देख रहा कुछ जले - जले ।।

मोम बने सबके हित हैं जलते ,
                   देखो कितना आज गले ।
उदाहरण उद्घाटित जब होता ,
                     नहीं मिले कोई विरले ।।

जीवन की पटरी ही टूटी है ,
               और कहाँ तक हम सँभले ।
एक नयी शुरुआत करें जब ,
                   देखे हैं कुछ लोग चले ।।

                   -------- रामनाथ साहू " ननकी "
                              मुरलीडीह ( छ. ग. )

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