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नूतन लाल साहू

बस, इतना ही तू कर लें

माया की डालियों पर है
संसार का हिंडोला
जीवन की किश्ती भी
मझधार में पड़ी है
भटक रहे है हम,इधर उधर
जग में,कोई न मिला सहारा
इसीलिए तो कहता हूं प्यारे
जीवन की डोर, अब तो कर दे
प्रभु जी के हवाले
बस, इतना ही तू कर लें प्यारे।
हमें जन्नत मिले या ना मिले
पर,मिल तो जायेगा एक सहारा
माया के सारे बंधन को तोड़ कर
प्रभु जी चरणों में,प्रीत जोड़ लें
कुछ न बिगड़ेगा,तेरा प्यारें
प्रभु जी के शरण में,आने के बाद
इसीलिए तो कहता हूं प्यारे
जीवन की डोर, अब तो कर दे
प्रभु जी के हवाले
बस, इतना ही तू कर लें प्यारे।
जब तलक है,भेद मन में
कुछ नही बन पायेगा, तू
हर खुशी मिल जायेगा
प्रभु जी के कदमों में,झुक जाने के बाद
फूलों से पुछो की
उस पर,कैसे छायी है बहार
सूखी बगिया भी खिलेगी
प्रभु जी का आशीर्वाद मिलने के बाद
जीवन की डोर, अब तो कर दे
प्रभु जी के हवाले
बस, इतना ही तू कर लें प्यारे।

नूतन लाल साहू

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