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संजय जैन बीना

*काम आई....*
विधा : कविता

बहुत कुछ खोकर भी
बहुत कुछ पाया है। 
जिंदगी के हसीन पल
और कुछ सपने खोया है। 
परंतु जीवन की सबसे
बड़ी चीज प्राप्त हुई है। 
जिसे साधारण भाषा में
लोग इंसानियत कहते है।। 

चलो अच्छा हुआ कि
काल ऐसा भी आया। 
जहाँ लोगों ने लोगो को
निकट से जान जो पाया। 
अमीर और गरीबी की
खाई को भर जो पाया। 
और लोगों ने लोगों को
इंसानियत का पाठ पढ़या।। 

सिखा देते है हालात 
इंसान को इंसान बनने को। 
भूलकर अपने अहंकार को 
नम्रभावों को जगाना पड़ा। 
क्योंकि इन हालातो में न
दौलत न शोहरत काम आई। 
बस लोगों की अच्छाई ही
लोगों के काम में आई।। 

जय जिनेंद्र 
संजय जैन "बीना" मुंबई
27/12/2012

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