प्रेमा के प्रेमिल सृजन __
27/12/2021-
🌷*विधा-छप्पय छन्द*🌷
*सृजन-शब्द-फूल*
प्यारी लगती धूप,सदा मौसम मन भाये ।
खिलते उपवन फूल, सुंदरतम् सृष्टि पाये ।।
शीत लहर चल देख, सुहावन ऋतु है लागे ।
खुशबू रहती संग, जहाँ हिय सपने जागे ।।
कहती प्रेमा आज सुन, लगे जिंदगी भावनी ।
रंग-बिरंगे फूल ये, सजे बाग में पावनी ।।
-----योगिता चौरसिया "प्रेमा"
-----मंडला म.प्र.
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