हास्य व्यंग्य प्रधान आशुकवि की रचना का पावनमंच आनन्द ले, सभी को मेरा सादर प्रणाम.... विषय.... ।।अतर।। देखें..... बिखेर रहा बहु इत्र सुगन्ध, फर्शनु अर्श अँटा अँगडा़ई।। जैइसेनु नाम रहा बढि़या , वैसेन नाम प्रसिद्धि कमाई।। निकसा जस सागर मंथनु ते, वैइसेनु बाहर भा भी जमाई।। लक्ष्मी जसु कैदु किया था देवारनु, वैसेन नीकु गति कस पाई।। पाप घड़ा अकुलानु धरा जस, सोना औ चाँदी अथाह छपाई।। कानूननु हाथ हैं लम्बे बडे़ , चलती कहाँ बहु दिन चतुराई।। रेड परी सरकार छकी तब, चंचल घोरि अकूत कमाई।। गुनाह नहीं हौं सेठ कही, शासनु केरि कमी हौं गाई।। कैसी गढ़ी खुफिया यहु देशु, जान सकी नहि नीति बुराई।। सुदृढ़ होत जौ शासनु ई, तौ चलती नहि केहु कै चतुराई।। जौ शासनु हिन्द जुगाड़ चलै, तौ जुगाड़नु होत अकूत कमाई।। छल,छद्म ,कपट ,चतुराई जतिक, अवगुन जो भी धरा दिखि जाई।। सब मा रहै सहयोगी ई शासनु, गुण्डनु जीति विधानु बनाई।। आशुकवि रमेश कुमार द्विवेदी, चंचल ।। ओमनगर, सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश, भारत।।228001।। मोबाइल... 8853521398,9125519009।।
रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान
रक्तबीज कोरोना प्रतियोगिता में शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को मिला श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान महराजगंज टाइम्स ब्यूरो: महराजगंज जनपद में तैनात बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व साहित्यकार दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को श्रेष्ठ साहित्य शिल्पी सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना के चलते मिली है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी ने कोरोना पर अपनी रचना को ऑनलाइन काव्य प्रतियोगिता में भेजा था। निर्णायक मंडल ने शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल के काव्य रंगोली रक्तबीज कोरोना को टॉप 11 में जगह दिया। उनकी रचना को ऑनलाइन पत्रियोगिता में सातवां स्थान मिला है। शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी को मिले इस सम्मान की बदौलत साहित्य की दुनिया में महराजगंज जनपद के साथ बेसिक शिक्षा परिषद भी गौरवान्वित हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक बैजनाथ सिंह, अखिलेश पाठक, केशवमणि त्रिपाठी, सत्येन्द्र कुमार मिश्र, राघवेंद्र पाण्डेय, मनौवर अंसारी, धनप्रकाश त्रिपाठी, विजय प्रकाश दूबे, गिरिजेश पाण्डेय, चन्द्रभान प्रसाद, हरिश्चंद्र चौधरी, राकेश दूबे आदि ने साहित्यकार शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को बधाई दिय...
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