हास्य व्यंग्य प्रधान आशुकवि की रचना का पावनमंच आनन्द ले, सभी को मेरा सादर प्रणाम.... विषय.... ।।अतर।। देखें..... बिखेर रहा बहु इत्र सुगन्ध, फर्शनु अर्श अँटा अँगडा़ई।। जैइसेनु नाम रहा बढि़या , वैसेन नाम प्रसिद्धि कमाई।। निकसा जस सागर मंथनु ते, वैइसेनु बाहर भा भी जमाई।। लक्ष्मी जसु कैदु किया था देवारनु, वैसेन नीकु गति कस पाई।। पाप घड़ा अकुलानु धरा जस, सोना औ चाँदी अथाह छपाई।। कानूननु हाथ हैं लम्बे बडे़ , चलती कहाँ बहु दिन चतुराई।। रेड परी सरकार छकी तब, चंचल घोरि अकूत कमाई।। गुनाह नहीं हौं सेठ कही, शासनु केरि कमी हौं गाई।। कैसी गढ़ी खुफिया यहु देशु, जान सकी नहि नीति बुराई।। सुदृढ़ होत जौ शासनु ई, तौ चलती नहि केहु कै चतुराई।। जौ शासनु हिन्द जुगाड़ चलै, तौ जुगाड़नु होत अकूत कमाई।। छल,छद्म ,कपट ,चतुराई जतिक, अवगुन जो भी धरा दिखि जाई।। सब मा रहै सहयोगी ई शासनु, गुण्डनु जीति विधानु बनाई।। आशुकवि रमेश कुमार द्विवेदी, चंचल ।। ओमनगर, सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश, भारत।।228001।। मोबाइल... 8853521398,9125519009।।
राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान हरियाणा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में "हरिवंश राय बच्चन सम्मान- 2020" से शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी (कवि दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल ) को मिलि उत्कृष्ट सम्मान
राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान हरियाणा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में "हरिवंश राय बच्चन सम्मान- 2020" से शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी (कवि दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल ) को मिलि उत्कृष्ट सम्मान राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान हरियाणा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में "हरिवंश राय बच्चन सम्मान- 2020" से शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी (कवि दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल ) को उत्कृष्ट कविता लेखन एवं आनलाइन वीडियो के माध्यम से कविता वाचन करने पर राष्ट्रीय मंच द्वारा सम्मानित किया गया। यह मेरे लिए गौरव का विषय है।
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