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विजय कल्याणी तिवारी

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कौन गया लेकर बोलो तो

रिक्त हस्त ही जाना होगा
अपनी जगह बनाना होगा।

पुण्य किया तो अश्रु बहेंगे
स्वजन हितैषी साथ रहेंगे।

किया पापतब नर्क भोगना
इन भोगों को कठिन रोकना।

जब तक जीवन जागो भाई
व्यर्थ न जाए यह तरूणाई ।

काम करो कुछ ऐसे जग मे
पुष्प खिलेचल दो जिस मग मे।

ध्रुव तारा सा चमको दमको
पथ दिखलाओ उनको हमको।

जीवन सही अर्थ से जीना
कलयुग अमिय राम रस पीना।

राम अगर हिय धार लिया है
तब निज जीवन प्यार किया है।

विजय कल्याणी तिवारी
बिलासपुर छ.ग.

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