प्रीत पदावली ----
25/12/2021
------ महाकाल -----
महाकाल का दरबार सजा है ।
जीव जगत की अंतः बातें,
मिलनातुर यह संसार सजा है ।।
ज्योतिर्मय आभास बिंदु कण ,
ले अपना अब आभार खड़ा है ।
पावनता के लक्षण पथ पग
हर मूरत में साकार सजा है ।।
हर जिव्हा निराकार पूजित ,
है त्रिपुंड पर सुखसार सजा है ।
दिव्य अक्ष उज्जैन नगर यह ,
सकल विश्व का ले भार सजा है ।।
प्रवाहिनी पविता क्षिप्रा का
प्रक्षालित नित पद प्यार सजा है ।
आज कृपाकांक्षी बन जीवन ,
विल्वपत्र धर हार सजा है ।।
आर्तनाद गूँजित प्रण पूजित ,
मन वीणा का शुभ तार सजा है ।
विश्व कृपा कटाक्ष को तरसे ,
अंतर्मन पर रसधार सजा है ।।
-------- रामनाथ साहू " ननकी "
मुरलीडीह ( छ. ग. )
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