कविता- अटल सम्मान!
देश सियासत नये मोड़ में, अटल ने बीडा़ खाये थे!
दीन दयाल के सिद्धात पर,चलकर उन्हें दिखाये थे !!
जनता की सरकार चुनी जो, जन के लिये बताये थे !
जनता की गाढी कमाई, जनता लिये लगाये थे!!
पोखरण परमाणु बमों का, सफल परिक्षा करवाये!
ताल ठोक दुश्मन देशों को, हम मजबूत बता पाये!!
कारगिल के युद्ध में उसने, दुश्मन मजा चखाये थे!
नया सबेरा हुआ देश में, तिरंगा फहराये थे!!
अपने सभी सियासत गर को, मंत्र दिया वह भारी है!
सेना हाथ हमेशा खोलो, भारत पहरे दारी हैं!!
नदी जोडकर बांध बनाये, हरियाली भी लाये हैं!
कावेरी जल का विवाद ,दशकों से सुलझायें हैं!!
टेलीकाम की नई व्यवस्था, जन जन तक पहुचाये हैं!
छोटे बड़े अमीर सभी जन, हाथ उन्ही पहुंचाये हैं!!
स्वच्छ पेय पर बडी़ समस्या, नयी योजना लायें हैं!
जलधारा का नियम बनाकर, जन जन तक पहुंचायें हैं!!
अपराधों पर देख समस्या, अटल बहुत हैरान हुये!
पोटा सा कानून बनाकर, अपराधी को सजा दिये!!
जनता के धन का घोटाला, उन पर नजर गडा़ये थे!
करके वही व्यवस्था उसने, सौ प्रतिशत पहुंचाये थे!!
हर गाँवों के उन्नति के हित, पी यम सडक बनाये थे!
आवागमन देश के खातिर, चतुर्भज मार्ग बनाये थे!!
अमरनाथ सोनी अमर
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