प्रीत पदावली ----
26/12/2021
------ आभा -----
दो फूल खिले हैं गुलशन में ।
सुमन वाटिका महक उठी है ,
महाकाल के आँगन में ।।
ज्योतिर्मय आभा है बिखरी ,
क्षण कण बीते दर्शन में ।
प्रतिपल प्रीत पुरातन जागे ,
संयुक्त शुभे अर्चन में ।।
वंदन वाणी के मन भाये ,
नमित भाव हैं प्रवचन में ।
जीवनलता फलित हुई है ,
रंजित शुभदा प्रहसन में ।।
पौराणिक महिमामंडन स्वर ,
प्रमुदित प्रहसित पाहन में ।
नवपथ पथी अग्रसर होता ,
दिवस अवसान महाधन में ।।
हर्षानुभूति हृदय मंंच लख ,
नैन टिके शुभ बंधन में ।
दिव्य यज्ञ संपन्न सुहाने ,
सृजनार्पित पद पावन में ।।
स्वप्न सभी लक्षण साकारी ,
प्रेरित प्रेमिल परिजन में ।
दिव्य ध्वजारोहण परिलक्षित,
मंत्र गुँथे मन तोरन में ।।
-------- रामनाथ साहू " ननकी "
मुरलीडीह ( छ. ग. )
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