कविता- हमेशा एक सा नहीं रहता! 16-14.
समय हमेशा एक न रहता,
समय बदलता रहता है!
किन्तु समय के साथ-साथभी,
स्वयं बदलना पड़ता है!!
समय चक्र के सँग- सँग चलते,
ज्ञानी वही कहातें हैं!
समय जान कर जो नहि बदले,
मूरख वह बन जातें हैं!!
कहतें लोग बुरे दिन आये,
किन्तु बुरा नहिं आता है!
काल परिक्षा सबका लेता ,
ज्ञान पास हो जाता है!!
जिनके पास ज्ञान धन पूँजी,
कभी नहीं अकुलाता है!
अच्छा, बुरा सभी सम होता,
वही तुरत ढल जाता है!!
अच्छा,बुरा समय नहिं कोई,
कर्मों में सब रहता है!
जैसा कर्म करोगे बंदे,
फल वैसा भी बनता है!!
भांपो जल्दी समय तुम्हारा,
दिन कैसे वह आता है!
उस मंशा से चलो यार तुम,
बुरे काल भग जाता है!!
अमरनाथ सोनी" अमर "
9302340662
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