आशुकवि रमेश कुमार द्विवेदी, चंचल की आज की रचना निहारी जाय,सुझाव आमन्त्रित हैं...... सन् बीस बिता लाकडाउन मा, टीकाकरण इक्कीसु मँझारी।। समीप लखो सन् बाइस का, ओमिक्रान दिखै जग आय बुझारी।। जग बीचु घना यहू हिन्द मुला, भगवान कृपालु थे अवढरदानी।। दोआब जँहा माई गंग जमुन, भारती मोरी महा बलिदानी।। जेस हाल दिखा जग केर सदा,सबसे बढि़या यहु हिन्द कहा।। नहि वैइसु करारी लचारी ढही, जस इटली अमेरिका देश सहा।। यहाँ तीर्थ बसी जँह काशी सदा, अयोध्या औ मथुरा हु तीरथ भारी।। सोमनाथ औ द्वारका हार विहार, गातन पिण्ड गया जँह चारी।। देवी औ देवतनु वास सदा, विन्ध्य औ वैष्णवी धामु खरारी ।। कवि चंचल कैइसु बेचैन बसैं, ओमिक्रानौ ख्यालु रखैंगे मुरारी।। ओमनगर, सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश।। 228001।। मोबाइल...8853521398,9125519009।।
राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान हरियाणा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में "हरिवंश राय बच्चन सम्मान- 2020" से शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी (कवि दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल ) को मिलि उत्कृष्ट सम्मान
राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान हरियाणा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में "हरिवंश राय बच्चन सम्मान- 2020" से शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी (कवि दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल ) को मिलि उत्कृष्ट सम्मान राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान हरियाणा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में "हरिवंश राय बच्चन सम्मान- 2020" से शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी (कवि दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल ) को उत्कृष्ट कविता लेखन एवं आनलाइन वीडियो के माध्यम से कविता वाचन करने पर राष्ट्रीय मंच द्वारा सम्मानित किया गया। यह मेरे लिए गौरव का विषय है।
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