9920796787****रवि रश्मि 'अनुभूति '
🙏🙏
महफिल-ए-ग़ज़ल
मिसरा ----
*आप की दिल लगी नहीं जाती*।
बह्र ----
2122 1212 22
क़ाफ़िया --- ई स्वर
रदीफ़ --- नहीं जाती
*क़फ़िया के उदाहरण ली , दिल - लगी , बेकसी , कही , सुनी , पी , दी , की, सही , बे - खुदी , बेबसी , ही , दीवानगी , खुशी , जली, हँसी, बड़ी, मिटी, छिपी , चली , छली , खुली , रही इत्यादि ।*
ग़ज़ल
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बात ऐसी कही नहीं जाती .....
बेवफ़ाई सही नहीं जाती .....
ये कहानी बनी हुई देखो .....
ये बनायी कभी नहीं जाती .....
ये बेकसी लगी अभी भारी .....
आज लेकिन छली नहीं जाती .....
साथ वो जो चले बने साथी .....
आज भी वो खुशी नहीं जाती .....
प्यार करके मुकर न जाना तुम .....
बेवफ़ाई सही नहीं जाती ....
आज धड़के अभी सुनो दिल भी .....
( आपकी दिल लगी नहीं जाती ..... )
दिल लगे ही नही कहीं अब तो .....
दिल से दीवानगी नहीं जाती .....
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(C) रवि रश्मि'अनुभूति '
मुंबई ( महाराष्ट्र )
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