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डॉ. कवि कुमार निर्मल

*_चमकौर गढ़ी से सरहिंद_*

_चमकौर लड़ाई सामान्य नहीं था वह धर्मयुद्ध।_
_चमकौर साहिब का गुरुग्रंथ में था वर्णित युद्व।_

_गुरु गोबिंद सिंह के नेतृत्व में खालसा था बना।_
_वजीर खान का नेतृत्व, मुगलों से गठबंधन सुना।_

_गुरु गोबिंद के विजयपत्र जफरनामा में लिखा, ग्रंथ में आया।_
_सरहिंद के नवाब वजीर खां के समक्ष पेश बंदों को करवाया।_

_ठंडे कारा से तलब, नवाब काजी अहलकारों ने करवाया।_
_खतना करवा नाम बदल लो- आँख दिखा कर धमकाया।_

_धर्म परिवर्तन बेअसर गुरुपुतर राजविद्रोही कहलाया।_
_दोनों साहबजादे गरजे- जोर-जुल्म को 'पाप' बताया।_

_जुल्म के खिलाफ देगें प्राण-  झुकने का नाम कहाँ?_
_26दिसंबर 1704- वजीरखांक्रूर ने जिंदा चुनवाया।_ 

_शहीदी के बाद माता गुजरी ईश्वर का गजब था 'शुक्राना'।_
_अरदास करते माँ प्राण त्यागी- अमरता निश्चित हीं पाना।_

_बंदे माता गुजरी जी की दिलेरी बहादुरी की कथा आज सुनायें।_
_सभी बंदे शुक्राना अदा करें, चमकौरगढ़ी सरहिंद होकर आयें।।_

_डॉ. कवि कुमार निर्मल____✍️_

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