*_चमकौर गढ़ी से सरहिंद_*
_चमकौर लड़ाई सामान्य नहीं था वह धर्मयुद्ध।_
_चमकौर साहिब का गुरुग्रंथ में था वर्णित युद्व।_
_गुरु गोबिंद सिंह के नेतृत्व में खालसा था बना।_
_वजीर खान का नेतृत्व, मुगलों से गठबंधन सुना।_
_गुरु गोबिंद के विजयपत्र जफरनामा में लिखा, ग्रंथ में आया।_
_सरहिंद के नवाब वजीर खां के समक्ष पेश बंदों को करवाया।_
_ठंडे कारा से तलब, नवाब काजी अहलकारों ने करवाया।_
_खतना करवा नाम बदल लो- आँख दिखा कर धमकाया।_
_धर्म परिवर्तन बेअसर गुरुपुतर राजविद्रोही कहलाया।_
_दोनों साहबजादे गरजे- जोर-जुल्म को 'पाप' बताया।_
_जुल्म के खिलाफ देगें प्राण- झुकने का नाम कहाँ?_
_26दिसंबर 1704- वजीरखांक्रूर ने जिंदा चुनवाया।_
_शहीदी के बाद माता गुजरी ईश्वर का गजब था 'शुक्राना'।_
_अरदास करते माँ प्राण त्यागी- अमरता निश्चित हीं पाना।_
_बंदे माता गुजरी जी की दिलेरी बहादुरी की कथा आज सुनायें।_
_सभी बंदे शुक्राना अदा करें, चमकौरगढ़ी सरहिंद होकर आयें।।_
_डॉ. कवि कुमार निर्मल____✍️_
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