मुक्तक- मुखौटा!
मात्राभार- 30!
असली मुसलिम बाबा,दादा,
मुसलिम रीति विवाह हुआ!
मुसलिम रीति मरे पर उनकी,
कलमा पढ़कर दाह हुआ!
आज देख लो मत के खातिर,
भगवा धारी बन करके!
हिंदू- धर्म मुखौटा पहनें,
घर -घर माँगें वही दुआ!!
अमरनाथ सोनी "अमर "
9302340662
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