"स्वामी विवेकानंद"
भाईचारा प्रेम ही, मूल मंत्र आनन्द।
इनसे ही खुशियां मिले, कहा विवेकानंद।।
लक्ष्य मिले जब तक नहीं, तब तक हो संघर्ष।
कहा विवेकानंद ने, तब होगा उत्कर्ष।।
भारत का दर्शन दिया, देने परमानन्द।
प्यारे बहनों भाइयों, कहा विवेकानंद।।
देकर देश विदेश में, भारत दर्शन खूब।
बणे विवेकानंद थे, जन जन के महबूब।।
सन्त विवेकानंद का, जन्मदिवस है खास।
युवा दिवस के रूप में, भरे आत्मविश्वास।।
मानव सेवा है बड़ी, मन से कर उपकार।
सबसे सच्चा कर्म तो, होता परोपकार।।
मान बुजुर्गों को करो, होते देव समान।
कहा विवेकानंद ने, सबका कर सम्मान।।
- भूपसिंह 'भारती',
आदर्श नगर नारनौल, हरियाणा।
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