विश्व हिन्दी दिवस की अनंत शुभकामनाएं...
*स्वतंत्र की मधुमय कुण्डलिया*
*भाषा*
भाषा हिन्दी आज है , विश्व पटल की शान ।
मानक भाषा पर करें , भारतीय अभिमान ।
भारतीय अभिमान , सहज ही सब अपनाएँ ।
सहज वर्ण आधार , ह्रदय को यह छू पाए ।
कह स्वतंत्र यह बात , विश्व में ज्ञान पिपासा ।
करते मानव शोध , श्रेष्ठतम् हिन्दी भाषा ।।
भाषा की लिपि ही प्रमुख , वर्णों से पहचान ।
देवों को अति प्रिय लगे , देवलोक का मान ।
देवलोक का मान , सभ्यता को दर्शाए।
हिन्द देश में आज , व्यक्ति अभिव्यक्ति सजाए ।
कह स्वतंत्र यह बात , भाव की यह अभिलाषा।
स्वर व्यंजन लो जान , मूल यह हिन्दी भाषा ।।
भाषा हिन्दी विश्व में , गढ़े नए प्रतिमान ।
आशाओं के दीप से , उज्ज्वल सुखद निदान ।
उज्ज्वल सुखद निदान , स्वयं ही गाथा गाओ ।
धरो श्रेष्ठता भाव , पताका यह फहराओ।
कह स्वतंत्र यह बात , आज है यह मधु आशा ।
विश्व पटल पर सतत् , श्रेष्ठ हो हिन्दी भाषा ।।
मधु शंखधर 'स्वतंत्र
*प्रयागराज*
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें