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चंद्रप्रकाश गुप्त चंद्र,

*शीर्षक -  युग पुरुष स्वामी विवेकानंद(नरेंद्र)*

    (जन्म जयंती पर कोटि - कोटि नमन)

हे पूरब के प्रकाश पुंज , तुमने किया प्रकाशित पश्चिम

दशों दिशाओं में लहर - लहर लहराया भारत का परचम

 गौरव स्वाभिमान के धनी रहे , ज्ञान विवेक के राजहंस तुम

राष्ट्र का मान बढ़ाया , संदेश दिया दुनियां को अप्रतिम

जैसे  "नरेंद्र" नाम में छुपा हुआ था , तमसो मा ज्योतिर्गम

हम युरोप हो अमेरिका सब को दिखायेंगे भारत का दम

अलौकिक तेज ओज गौरव के अथाह प्रशांत सिंधु थे तुम

विचार प्रणवता , संस्कार, संस्कृति, स्वाभिमान से थे हिंदू तुम

तुम्हारी अकाल मृत्यु से हम सबको आघात हुआ

तुम्हारे कृत्य कर्म से भारत का जग में गौरव गान हुआ

युवाओं के आदर्श वने , प्रखर प्रचंड ऊर्जा का संचार हुआ

"नरेन्द्र" , विवेकानंद हुआ इतिहास में कालजयी नाम हुआ

उठ कर जागे हैं अब नहीं रुकेंगे , पाये लक्ष्य बिना हम

कोटि-कोटि नमन करते हैं , आभार मनाते आपका हम

       🌞 जय भारत 🌞

 चंद्रप्रकाश गुप्त "चंद्र" 
ओज कवि एवं राष्ट्रवादी चिंतक              अहमदाबाद ,गुजरात

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           सर्वाधिकार सुरक्षित
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